Friday, 17 December 2010

यहाँ भी, वहां भी

यहाँ भी, वहां भी

हर जगह इन्सान की जगह इन्सान के टुकड़ों से क्यूँ मुलाक़ात होती है मेरी ?

कहीं कोई ढूंढ़ रहा है दूसरों में खुद को

तो कहीं कोई खुद में दूसरों को ढूंढ रहा है

यहाँ भी, वहां भी |


यहाँ भी, वहां भी

हर दिल में धड़कन की जगह क्यूँ धधकती है आजकल समूची धरती ?

जो मुद्दा अफ्रीका के सीने में उबलता रहा है हिंसा का लावा बनकर

वही मुद्दा यूरोप में बहस के बीच कूटनीति की भाषा बनकर

आदमी और आदमी के बीच शक पैदा करने में लगा है !

एशिया में गरीबी के पड़ोस में उफनती दौलत को हिंसा में

और हिंसा को गहराती हुई गरीबी में ग़ुम होते देख रही दुनिया की ऑंखें

अमेरिका पहुंचकर

बन्दूक बेचती हुई शांति की जुबान को देखती ज्यादा और सुनती कम है !

क्या ये सब मेरा वहम है

या वहम की ख़ाल ओढ़े सच्चाई सहमी हुई भटकती है आजकल

यहाँ भी, वहां भी |


यहाँ भी, वहां भी

जो हाथ सहलाते थे कभी अजनबी चोट को भी मरहम लगाते हुए

वही हाथ आजकल चाकू की धार पर सान चढ़ाने में लगे हैं,

कभी-कभी पूरा का पूरा देश दिखता है अधमूंदी आँखों से यात्रा-रत

और दिखता है साधता हुआ निशाना -

हर एक उस विश्वास के मर्म-स्थल पर जो अपने विश्वास की शक्ल से नहीं मिलता !

न जाने क्यूँ आ समाई है आज शाम

मेरे पहले से हीं परेशान मन में एक कविता

पनाह के लिए ?

मैं देखता हूँ हर तरफ पर कोई जगह नहीं दिखती जहाँ छुप सकूँ मैं,

और मेरे साथ छुप सके मेरी कविता,

यहाँ भी, वहां भी |

5 comments:

  1. Very Well written . It would be great if you share the collection of all poems written in hindi to me ..

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    1. Thank you, Abhisek for the invitation and appreciation inherent in it. Actually I'm not very regular with my writing and, in fact, there are very few compositions that I may call as my Hindi poems. Thanks again, and sorry for belated reply.

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  2. प्रभावशाली प्रस्तुति जो सीधे अंतर्मन पर दस्तक देती है - साधुवाद

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    1. धन्यवाद, राकेश जी। " सीधे अंतर्मन पर दस्तक " जैसी अभिव्यक्ति से मेरा हौसला बढ़ा । विलम्ब से उत्तर देने के लिए छमा चाहूँगा । इधर कुछ समय से मैं भूल हीं गया था कि मेरा कोई ब्लॉग भी है :) सोच रहा हूँ कि इस बार थोडा नियमित हो जाऊँ, देखता हूँ कितनी सफलता मिलती है ।

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  3. उत्साहवर्धन के लिए दिनेश जी बहुत, बहुत धन्यवाद् । आप देख हीं रहे होंगे कि मैं ब्लॉग के मामले में कितना नियमित हूँ । वैसे इस बार यथासंभव नियमित होने का इरादा है। यदि नियमितता बनी रही तो आपके ब्लॉग पर भी अवश्य आऊंगा ।

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